B.Tech हुआ पर Tech नहीं,
घट लाया था पर बूंद नहीं।
फिर भी लगता है भरा-भरा,
क्या है इसमें तू सोच जरा।।
पानी भरने को लाया था,
पर पंक कहा से ले आया।
छोड़ दिया सरिता को तुमने,
देख कमल-दल भर लाया।।
सात Sem यों ही गुजरे,
नहीं कभी एहसास हुआ।
छाँह मिली जो हरे वृक्ष की,
वहीं बैठ आराम हुआ।।
Exam सेमिस्टर पास हुआ तो,
book seller पर भीड़ पड़ी।
books नहीं तो फोटोकॉपी,
रातों की भी नींद उड़ी।।
Exam पार हो जाते है फिर,
नया सेमिस्टर आता है।
वही रजिस्टर, वही पेंसिल,
यही cycle(चक्र) चलता है।।
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